हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,मक्का:स्टेट हज इंस्पेक्टर मास्टर सागर हुसैनी अमलवी ने पिछले दिनों अज़ीज़िया, मक्का के इलाके में स्थित बिल्डिंग नंबर 121 के ग्राउंड फ्लोर पर ‘बैतुस्सलात’ यानी नमाज़ के लिए विशेष हॉल में मौजूद भारतीय हज हाजीयो, विशेषकर मुबारकपुर, लखनऊ और यूपी के शिया हाजीयो से मुलाक़ात की और हज से संबंधित कुछ ज़रूरी मसलों पर विचार-विमर्श किया।
स्टेट हज इंस्पेक्टर मास्टर सागर हुसैनी अमलवी ने कहा,अल्हम्दुलिल्लाह! मुझे उम्मीद है कि आप सब अपने हज का पहला हिस्सा यानी उमरा-ए-तमत्तो मुकम्मल कर चुके होंगे आप सभी को बहुत-बहुत मुबारकबाद। अब आप कभी भी मक्का जाकर नफ़ली तवाफ़ कर सकते हैं।
जब भी तवाफ के लिए जाएं, एहराम पहनकर जाएं। जितना चाहें नफ़ली तवाफ करें और हर एक तवाफ में अपने ज़िंदा या मरहूम रिश्तेदारों, दोस्तों, और मोमिनों की नियत से कर सकते हैं।
उन्होंने आगे कहा,हर हाल में अपनी सेहत का ख़्याल रखें। अपनी सेहत के अनुसार ही हरम का सफर करें। दिन के समय धूप से बचें। हज के लिए खुद को शारीरिक रूप से फिट रखें। अगर उम्र ज़्यादा हो या तवाफ की वजह से बीमारी या कमजोरी का अंदेशा हो, तो हज के बाद नफ़ली उमरा का इरादा करें। हमेशा पूर्ण शांति बनाए रखें, देश के क़ानून और प्रशासन का सम्मान करते हुए अपने हज के सफर को सफल और बाबरकत बनाएं।
कुरान की तिलावत और हज के मनासिक को समझने में ज़्यादा वक्त लगाएं। गैर ज़रूरी बातों से परहेज़ करें। अज़ीज़िया का इलाक़ा हरम की हद में है, कुछ नमाज़ें हरम शरीफ़ में अदा करें और कुछ अपनी इमारत में भी पढ़ सकते हैं। अपने फिक़्ह के उलमा-ए-कराम से हज के अरकान और मसाइल को अच्छी तरह समझें और अपने-अपने मराज ए इकराम के मुताबिक अरकान-ए-हज अदा करें।
तमाम मुक़ामात पर दुआ में अपने अहले खाना, अपने क़बीले, मुल्क, मिल्लत और पूरी इंसानियत के लिए दुआएं करें। और मुझ ना-तवां सागर हुसैनी को भी दुआओं में याद रखें।
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